मैं वही हु जिससे आज भी तुम सबके घर वाले मिलने से मना करते है
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कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई खास नही
एक दोस्त है कच्चा -पक्का सा
एक झूठ है आधा- सच्चा सा
जज्बातों को परदे दे देना
गढ़ देना बहाना अच्छा सा
कि जीवन का ऐसा साथी है
जो दूर सा है कुछ पास नही
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई खास नहीं
हवा का ठंडा झोका है इक
कभी नाजुक तो कभी तूफां सा
कह देना गुजरा लम्हा है
कुछ टूटा सा कुछ रूठा सा
जीवन का ऐसा दरिया है
जिसकी मुझको कोई प्यास नही
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना, कोई खास नहीं
इक साथी जो अनजान सी बाते कर जाता है
यादो मे जिसका धुंधला सा अक्स नजर आता है
यूँ तो रहता है तसव्वुर मे हरसूं
पर मुझको उसकी तलाश नही
कोई तुमसे पूछे,कौन हूँ मैं
तुम कह देना ,कोई खास नही
तुम कह देना कोई खास नही
एक दोस्त है कच्चा -पक्का सा
एक झूठ है आधा- सच्चा सा
जज्बातों को परदे दे देना
गढ़ देना बहाना अच्छा सा
कि जीवन का ऐसा साथी है
जो दूर सा है कुछ पास नही
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई खास नहीं
हवा का ठंडा झोका है इक
कभी नाजुक तो कभी तूफां सा
कह देना गुजरा लम्हा है
कुछ टूटा सा कुछ रूठा सा
जीवन का ऐसा दरिया है
जिसकी मुझको कोई प्यास नही
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना, कोई खास नहीं
इक साथी जो अनजान सी बाते कर जाता है
यादो मे जिसका धुंधला सा अक्स नजर आता है
यूँ तो रहता है तसव्वुर मे हरसूं
पर मुझको उसकी तलाश नही
कोई तुमसे पूछे,कौन हूँ मैं
तुम कह देना ,कोई खास नही







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